शरीर के अंगों पर छिपकली गिरने के कुछ धार्मिक तथ्य
वैज्ञानिक दृष्टिकोण:
छिपकली का शरीर पर गिरना अक्सर एक आकस्मिक घटना होती है, और अधिकांश घरेलू छिपकलियाँ हानिरहित होती हैं। ये न तो ज़हरीली होती हैं और न ही सामान्य स्थिति में इंसानों को कोई गंभीर नुकसान पहुंचाती हैं।
दोस्तों आप जानते हैकि पुराने ज़माने के लोग कहते थे की शरीर पर छिपकली जिस अंग पर गिर जाती थी तो सोने के पानी से धोते थे लेकिन सोना का पानी नहीं रहता था तो किसी बर्तन में सोने का कोई वस्तु डालकर उसको फिर जिस अंग पर छिपकली गिर जाती तो सोने वाला पानी उस अंग पर डाल देते थे
➤ शरीर पर गिरने के संभावित प्रभाव:
मानसिक असहजता या डर:
बहुत से लोग छिपकली से डरते हैं, और अचानक शरीर पर गिरने से झटका या घबराहट हो सकती है।
इसे Herpetophobia कहा जाता है – यानी छिपकली या रेंगने वाले जीवों से डर।
संक्रमण का खतरा:
हालांकि छिपकली ज़हरीली नहीं होती, परंतु उनके शरीर पर बैक्टीरिया हो सकते हैं।
अगर वह किसी खुले घाव, आंख, नाक या मुंह पर गिरती है, तो हल्का संक्रमण हो सकता है।
एलर्जी या त्वचा पर प्रतिक्रिया:
दुर्लभ मामलों में, जिनकी त्वचा संवेदनशील होती है, उन्हें एलर्जी, खुजली या रैशेज़ हो सकते हैं।
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सामान्य प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए?
साफ पानी और साबुन से गिरने वाली जगह को धो लें।
यदि किसी प्रकार की जलन, खुजली या सूजन हो तो डॉक्टर से परामर्श लें।
📜 धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं:
भारत सहित कई देशों में छिपकली गिरने को लेकर कई मान्यताएं और शकुन-अपशकुन जुड़े हुए हैं। दक्षिण भारत में इसे “गौली शास्त्र” कहा जाता है, जिसमें छिपकली किस अंग पर गिरी है, इसके आधार पर शुभ या अशुभ फल बताए जाते हैं।
➤ शरीर के अंगों पर गिरने के कुछ आम विश्वास:
शरीर का अंग | सांस्कृतिक मान्यता |
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सिर | सम्मान या पदोन्नति मिलने का संकेत |
दाहिना हाथ | आर्थिक लाभ या सफलता का संकेत |
बायां हाथ | हानि या चिंता की संभावना |
पैर | यात्रा या स्थान परिवर्तन की ओर इशारा |
पीठ | पुराने मित्र से भेंट या समाचार |
छाती | भावनात्मक परेशानी या विवाद |
आंख या चेहरा | बुरी नज़र या तनाव का संकेत |
⚠️ नोट: ये मान्यताएं पूर्णतः धार्मिक/सांस्कृतिक परंपराओं पर आधारित हैं और इनका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।