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भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने का महत्व
भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र (बिल्वपत्र) का विशेष स्थान है। इसे शिवजी की प्रिय भेंट माना जाता है और धार्मिक शास्त्रों में इसका विशेष महत्व बताया गया है। बेलपत्र चढ़ाने से भक्तों को शिवजी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं।
भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने के कारण
1. शिवजी की विशेष कृपा – मान्यता है कि जो भी श्रद्धा से भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
2. तीनों दोषों का नाश – बेलपत्र में तीन पत्तियां होती हैं, जो सत्व, रज और तम इन तीन गुणों का प्रतीक हैं। इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से सभी दोष समाप्त हो जाते हैं।
3. शिव पुराण का उल्लेख – शिव पुराण में कहा गया है कि बेलपत्र शिवजी को अर्पित करने से कई यज्ञों के समान फल मिलता है।
4. मन और चित्त की शुद्धि – बेलपत्र की पवित्रता से मन शांत होता है और ध्यान एवं साधना में वृद्धि होती है।
5. रोगों से मुक्ति – बेलपत्र औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से मानसिक और शारीरिक रोग दूर होते हैं।
6. ग्रह दोषों का निवारण – विशेष रूप से राहु, केतु और शनि से जुड़े दोष बेलपत्र चढ़ाने से समाप्त हो जाते हैं।
कैसे चढ़ाएं बेलपत्र?
1. बेलपत्र को साफ जल से धोकर चढ़ाएं।
2. बेलपत्र में तीन पत्तियां जुड़ी होनी चाहिए और पत्तियों पर कटाव नहीं होना चाहिए।
3. बेलपत्र को उल्टा (चमकदार भाग नीचे) रखकर शिवलिंग पर अर्पित करें।
4. “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
5. सोमवार या महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र चढ़ाना विशेष फलदायी होता है।
निष्कर्ष
भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय है जिससे शिवजी की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
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