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दवा असली है या नकली: पहचान कैसे करें
आजकल बाजार में नकली दवाओं की समस्या बढ़ती जा रही है। असली और नकली दवाओं में फर्क करना बहुत जरूरी है ताकि हमारी सेहत पर इसका बुरा असर न पड़े। यहां कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए जा रहे हैं, जिनसे आप असली और नकली दवाओं की पहचान कर सकते हैं:
- पैकेजिंग और लेबलिंग:
- असली दवाओं की पैकेजिंग उच्च गुणवत्ता वाली होती है। नकली दवाओं में अक्सर सस्ती और खराब पैकेजिंग होती है।
- पैकेट पर दिए गए लेबल की स्पष्टता और प्रिंट की गुणवत्ता देखें। असली दवाओं के लेबल स्पष्ट और पढ़ने में आसान होते हैं।
- होलोग्राम और सिक्योरिटी मार्क:
- ज्यादातर असली दवाओं पर होलोग्राम या सिक्योरिटी मार्क लगे होते हैं। नकली दवाओं में ये अनुपस्थित हो सकते हैं या फिर अलग तरीके से लगे होते हैं।
- बॉक्स और स्ट्रिप का निरीक्षण:
- दवाओं की स्ट्रिप पर निर्माता का नाम, बैच नंबर, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट, और दवा की मात्रा (mg) स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए।
- पैकेजिंग बॉक्स और स्ट्रिप को अच्छी तरह से जांचें, यदि कोई गड़बड़ी या छेड़छाड़ दिखाई दे, तो दवा का इस्तेमाल न करें।
- QR कोड और बैरकोड स्कैनिंग:
- कई दवाओं पर अब QR कोड या बैरकोड होते हैं जिन्हें स्कैन कर के आप दवा की सत्यता की जांच कर सकते हैं।
- इसके लिए आप अपने स्मार्टफोन पर बारकोड या QR कोड स्कैनर ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- रसीद और बिल:
- दवा खरीदते समय हमेशा रसीद या बिल लें। यह सुनिश्चित करता है कि आपने दवा को प्रमाणित विक्रेता से खरीदा है और नकली होने की संभावना कम है।
- मूल्य तुलना:
- यदि कोई दवा सामान्य कीमत से बहुत कम कीमत पर बेची जा रही है, तो यह नकली होने की संभावना हो सकती है। असली दवाओं की कीमतें अधिकतर स्थिर रहती हैं।
- विशेषज्ञ सलाह:
- किसी भी शंका की स्थिति में अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से परामर्श करें। वे आपको सही मार्गदर्शन दे सकते हैं और आपको नकली दवाओं से बचा सकते हैं।
हमेशा सतर्क रहें और इन सुझावों का पालन करके आप नकली दवाओं से बच सकते हैं। अपनी और अपने परिवार की सेहत का ध्यान रखना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
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